https://youtube.com/shorts/m1LcgvDoCkE?feature=share
पहले पेट पूजा, फिर काम करो कोई दूजा |
खाली पेट तो कभी किसी को, काम न कोई सूझा ||
बात तो सच है, पर इससे भी बड़ा सच यह है कि पेट-पूजा करने के लिए भी पहले कोई काम तो करना ही पड़ता है| ऐसा काम, जिसके बदले हाथ में कुछ पैसा आए, क्योंकि अगर पैसा पास नहीं होगा तो पेट कैसे भरेगा? पेट अगर भरा होगा तो ही बाज़ुओं में ज़ोर और शरीर में ताक़त होगी| जिसके घर में खाने की तंगी है, परिवार के सदस्यों के पेट ख़ाली हैं, वो सत्यनारायण की कथा करवाने में भी रुचि नहीं लेगा| कहते हैं न - "भूखे भजन न होय गोपाला| ले तेरी कंठी ले तेरी माला||" यानी जब तक आपकी भूख शांत नहीं होती, तब तक आप किसी काम में ध्यान नहीं लगा सकते। यह शाश्वत सत्य है| यहाँ मुझे महात्मा बुद्ध की ज़िंदगी का एक बेहद अहम क़िस्सा याद आ रहा है -
कपिलवस्तु के राजकुमार सिद्धार्थ का मन एक वृद्ध, एक बीमार और एक शवयात्रा को देखकर अशांत हो गया। एक दिन वो सारे सुख त्यागकर तपस्या करने निकल पड़े और गया के नज़दीक उरुबिल्व वन में एक बरगद के नीचे बैठकर कठोर साधना करने लगे। वो कंद-मूल खाते और एकांत में बैठकर चिंतन करते। पहले उन्होंने दिन में एक वक़्त का खाना छोड़ा और फिर कई-कई दिन तक भोजन का त्याग करने लगे ताकि साधना की कठोरता बढ़े और आत्मज्ञान की प्राप्ति हो सके। इससे वो बहुत कमज़ोर हो गए। एक दिन जब वो नहाकर नदी से बाहर आ रहे थे तो उनकी शरीर ने जवाब दे दिया। जैसे-तैसे एक पेड़ की शाख़ पकड़कर बाहर आए, लेकिन दो-चार क़दम चलने के बाद गिर गए। बहुत निराश हुए, सोचा कि मैंने बेकार ही शरीर को इतना कष्ट दिया, आत्मज्ञान की प्राप्ति तो हुई नहीं। अगले दिन एक चरवाहे की लड़की सुजाता उनके लिए खाना लाई। सिद्धार्थ ने निःसंकोच भोजन कर सुजाता को धन्यवाद दिया, क्योंकि वे समझ गए थे कि भूखे रहने का आत्मज्ञान की प्राप्ति से कोई लेना-देना नहीं है। इससे सिर्फ दुर्बलता ही आती है। इसके बाद वे फिर से साधना में लग गए और आख़िरकार उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। इसके बाद वे सिद्धार्थ से बुद्ध हो गए।
तो कहने का मतलब यह कि हम बुद्ध की तरह बुद्धि से काम लें। जो कर रहे हैं, उसे पूरी लगन और मेहनत से करें| ताकि ख़ूब काम करके ढेर सा पैसा कमा सकें और पेट भरने का बेहतर इंतज़ाम कर सकें| भरे पेट से ही जिस्म में जान है और जान है, तो जहान है| पेट चाहे अमीर का हो या ग़रीब का, दो जून रोटी की दरकार रखता ही है| जिनके दिल बड़े हैं, वो अपने साथ-साथ दूसरों का भी पेट भरकर धर्म और ईमान का काम करते हैं| जिनके ऊपर शैतान हावी हो, वो अपने पेट के लिए औरों का पेट काटकर हैवानियत का उदाहरण देते हैं| चाहे अच्छे रास्ते से या बुरे कामों से, चाहे इज़्ज़त के पेशे से या ज़िल्लत के धंधे से, चाहे हुक्मराँ बन कर या भीख माँगकर, हर इंसान पेट भरने के इंतज़ाम की जुस्तजू में लगा है|
लेकिन कोविड-19 और उससे निपटने के लिए लागू किए गए 2 लॉकडाउन्ज़ ने पेट-पूजा और उसके लिए work is worship यानी कर्म ही पूजा है की परिभाषा पर भी सवालिया निशान लगा दिया है| भारत की तक़रीबन 40% आबादी आज भी ऐसी है, जो बेरोज़गारी के कारण रोज़ पानी पीने के लिए रोज़ कुआँ खोदने को मजबूर है| अपना काम करने वाले, दिहाड़ी मज़दूर, छोटे-मोटे काम-धंधों से परिवार चलाने वाले असंगठित क्षेत्र के अनगिनत भारतीय लॉकडाउन्ज़ के दौर में अपनी सीमित आमदनी से भी हाथ धो बैठे| यह वो तबक़ा है जो अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए काम करने को तिलमिला रहा था, मगर उन्हें बाहर निकलकर काम करने की इजाज़त नहीं थी| जब महामारी का तांडव कुछ क़ब्ज़े में आया और सबको अपने रोज़गार पर लौटने की अनुमति मिली, तब तक देश की अर्थव्यवस्था इस बुरी तरह चरमरा चुकी थी कि ढूँढने से भी काम न मिला| मंहगाई अलग मुँह बाए खड़ी है| क़ीमतें आसमान से भी ऊपर जा पहुँची हैं| तो ऐसे में करें, तो क्या करें?
श्री आक़िल मलिक ख़ुद का काम करने वाले ऐसे ही एक अक़्लमंद हिन्दोस्तानी हैं, जिन्हें यक़ीन है कि फ़िलहाल हमें महामारी से, रोज़गार की तंगी से, चढ़ती क़ीमतों से निजात दिलाने में अगर कोई मददगार साबित हो सकता है तो वो है सिर्फ़ - वैक्सीनेशन| इन्होंने भी लॉकडाउन्ज़ की वजह से रोज़गार की मार बुरी तरह झेली है| तीसरी लहर के ज़िक्र से ही हम सबकी तरह इनकी भी रूह काँप जाती है| हालांकि, यह बख़ूबी जानते हैं कि A hungry belly has no ears. मगर साथ ही यह भी मानते हैं कि इस hunger, इस भूख से बचने के लिए, भूखे पेटों को वैक्सीनेट होने की बात सुननी ही होगी| आक़िल मलिक साहब समाज में जागरुकता फैलाने के लिए नक़्श का साथ देने का बहुत शुक्रिया|
----------@------------@------------@-----------@----------
**To know NAQSH more, connect with us on social media. Visit our
Website -
www.naqsh.org.in
Facebook page -
https://www.facebook.com/naqsh.naqsh.73/
Twitter handle -
https://twitter.com/Naqsh17?s=08
Instagram account -
https://www.instagram.com/p/CQvt0oLHpK1/?utm_medium=share_sheet
Blog -
https://draft.blogger.com/u/1/blogger.g?blogID=304274514506471721#allposts/postNum=0
YouTube channel -
https://youtube.com/c/naqshngo